Sunday, February 22, 2009

टेंडर लिए हो का भाई ..

बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो है , ये बात पुरानी है लेकिन कुछ दिनों से भड़ास देख के पुनः ताजा हो रही है भड़ास निकलने के बजाये साला सब के सब किसी के भी पीछे पड़ जाते हो , कभी कभी तो लगता दालभात में मुसरचंद जैसा और कभी कभी लगता है की कुछ लोगो ने किसी की (नेगेटिव) पब्लिसिटी करने का टेंडर उठा लिया हो ...

Friday, February 6, 2009

धन्य वाद यशवंत जी

यहाँ हमारे ग्रुप के दो चार लोग भड़ास ज्वाइन कर चुके थे और मुझे रिप्लाई ही नही मिल रही थी आज यशवंत जी का नेह निमंत्रण मिला तो लगा की आज अच्छा दिन है
धन्यवाद् यशवंत जी धन्यवाद
अब शायद में अपने इस ब्लॉग पर आगे कुछ शायद ही लिखूंगा क्यूंकि अब सोचता हूँ लिखू तो भड़ास निकलने के लिए भड़ास पर ही न लिखू

Wednesday, February 4, 2009

भडास के खिलाफ नही में

भाई बहुत दिनों से देख रहा हु सब तो नही पर कुछ लोग कुछ भी बस लिखे ही जा रहा था पहले किसी की भद्द पीट दी जाए फिर सभी की और से माफ़ी मांग ली जाए .....

पुराना खेल है हम यहाँ पॉलिटिक्स करने नही बैठे है

भड़ास को में भी पसंद करता हूँ ज्वाइन करने की सोच ही रहा था

पर अब ह्रदय परिवर्तन हो गया है हाल ही में हुई घटना के बाद

सोचा अब उन चंद लोगो पर लिखू जो अपने ही तरीके से भड़ास निकाले पड़े है

उन पर यदि भड़ास निकलना हो तो कहा जाए

मैंने सोचा कुछ भडासियो पर भड़ास निकलने के लिए एक ब्लॉग ही बना लिया जाए

अकेला नही कर पाउँगा दोस्तों की जरुरत है नही तो अकेला ही लिखना पड़ेगा ................